Tuesday 2 December, 2008

हम होंगे कामयाब एक दिन : हमारी वरुणा के लोगो निर्माता मनोज भाई

हम होंगे कामयाब एक दिन
हमारी वरुणा का यह प्रतीक चिह्न हमारे स्वयंसेवी कार्यकर्ता श्री मनोज श्रीवास्तव 'चंदू' जी ने बनाया है। मनोज भी पेशे से कंप्यूटर शिक्षक है और हमारे साथ शुरूआती दौर से ही जुड़ कर वरुणा संरक्षण के प्रयासों में लगे हुए है।मनोज भाई वरुणा तट पर वाराणसी के अर्दली बाजार मोहल्ले में रहते है । मनोज जी के पिता जी स्वयं वरुणा के लिए चिंतित रहा करते थे , उन्हें मोहल्ले के लोग डाक्टर साहब के रूप में जानते थे उन्होंने स्वच्छ और निर्मल वरुणा का सपना आज से २५ वर्ष पूर्व देखा था। डाक्टर साहब कों यह आभाष था कि आने वाले दिनों में वरुणा दुर्दशाग्रस्त होंगी । इसके लिए उन्होंने अपने तरफ से काफी प्रयास भी किया था। उनके द्वारा बनायीं गयी योजनाये हमे आज भी मार्गनिर्देशन देती है।

प्रतीक चिह्न के बारे में मनोज जी ने बताया की ऊपर सारनाथ स्थित धमेक स्तूप वरुणा और बौद्ध धर्म के प्राचीनतम संबंधो कों बताता है , साथ में वाराणसी कचहरी स्थित वरुणा पुल अपने आप में वास्तु का अद्भुत नमूना है। पुल के नीचे ऊपर की ओर उठी हुई नाव जिस पर हमारी वरुणा उकेरा गया है। हमारे संकल्पों और आस्था का प्रतीक है, जो यह बताता है की हम अपने संकल्पों से वरुणा कों उसका पुराना स्वच्छ और निर्मल स्वरुप अवस्य दिलाएंगे।

मनोज भाई कों बधाई , आज जब उनके बनाये हुए प्रतीक चिह्न कों देख लोग हमारे कार्यक्रमों से जुड़ रहे है तब हम मनोज जी के आत्मविश्वास और आस्था में खुद के लिए बार बार एक सन्देश पाते है " हम होंगे कामयाब एक दिन , हमे पूरा है विश्वास........."

वरुणा देव दीपावली{कार्तिक पूर्णिमा} १३ नवम्बर २००८

कार्तिक पूर्णिमा १३ नवम्बर २००८ को लाल बहादुर शास्त्री घाट वरुनापुल पर हमारी वरुण द्वारा देव दीपावली सद्भावना महोत्सव का आयोजन कर क्षेत्रीय जनता को वरुणा के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया। इस आयोजन में १०० बटालियन एन सी सी उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी के सहयोग से सहीद सम्मान एवं पर्यावरण जागरूकता रैली निकली गई।





दिन भर निशुल्क चिकित्सा सेवा सिविर लगाया गया। साम को विभिन्न विद्यालयों द्वारा पर्यावरण प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी।