वरुणा नदी के संरक्षण और जागरूकता अभियान के पीछे जिन दो लोगो का नम प्रमुख रूप से लिया जाता है वे दोनों व्यक्ति राजनैतिक या कोई अग्रणी व्यक्ति नही है। बल्कि ये दोनों लोग सम वयस्क एक सोच के साथ इस दिशा में निरंतर मौन भाव से वरुणा के प्रति संकल्प बद्ध है।
"हमारी वरुणा" के संस्थापक व्योमेश चित्रवंश पेशे से अधिवक्ता है। कशी हिंदू विश्व विद्यालय और उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी से शिक्षा प्राप्त श्री चित्रवंश मेधावी छात्र होने के साथ साथ छात्र जीवन से ही सामाजिक जन जागरूकता के कार्यक्रमों से जुड़े रहे है। वरुणा के प्रति उनका मोह बीसवी सदी के आखिरी वर्षो में जगा। जब उन्होंने देखा की वाराणसी की पहचान रही अस्सी नदी को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया। हमारी वरुणा की स्थापना के साथ ही इन्होने क्षेत्रीय नागरिको, डाक्टरों, शिक्षको , छात्रो और अधिवक्ताओ को वरुणा से जोड़ा। आज व्योमेश चित्रवंश के प्रायशो से अनेको स्वयमसेवी संस्थाएं एवं आम जन हमारी वरुणा से जुड़ते जा रहे है.
श्री सूर्य भान सिंह "हमारी वरुणा " के सह संयोजक है। उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी से वाणिज्य एवंम प्रबंधन में स्नातक सूर्यभान एवं व्योमेश छात्र जीवन से ही एक दुसरे के सहयोगी रहे है। सूर्य भान अपने को पूर्णतया वरुणा के पुनरुद्धार एवं संरखन के प्रति समर्पित कर व्योमेश के विचारो को वास्तविकता के धरातल पर लेन का प्रयास कर रहे हैं.
Saturday 24 January, 2009
...और वरुणा तट रोशनी से जगमग हो उठा...
वरुणा देव दीपावली को "हमारी वरुणा" के प्रयासों से क्षेत्रीय नागरिको ने वरुणा के स्वच्छता सरंक्षण और शुचिता के संकल्पों के साथ शास्त्री घाट पर दीपक जलाया तो संपूर्ण वरुणा तट दीपो की रोशनी से जगमग हो उठा।
इस नयनाभिराम दृश्यों को हमारे कार्यकर्ता अंकुर विस्वकर्मा ने अपने कमरे की नजर से देखा। प्रस्तुत है अंकुर के कमरे की आँख में कुछ यादगार दृश्य.
Thursday 8 January, 2009
नुक्कड़ नाटको द्वारा वरुण के लिए जन जागरूकता
Monday 5 January, 2009
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