Sunday 19 October, 2008

हमारी वरुणा का यह माननाहै की नदिया हमारे लिए प्रकृति की उपहार है इन्हे किसी भी रूप में विकृत नही किया जन चाहिए। इसी सोच के साथ हमने गंगा पर बनाये गए अवरोध टिहरी बाँध का सदैव विरोध किया है। हम विकास के विरुद्ध नही है परन्तु विकास को विनास के मूल्य पर नही स्वीकार सकते।

आज गंगा नदी का जल गन्दा जल हो गया है । गंगोत्री व् गोमुख से चली अविरल व् प्राकृतिक गुणों वाली गंगा को बाँध कर संपूर्ण मैदानी क्षेत्रो को गंगा के ओसधीय व् पवित्र जल से वंचित किया जा रहा है। गंगा को अविरल प्रवाहित होना ही चाहिए, यह संपूर्ण देश व् समाज के हित में है। आज जरुरत है गंगा को राष्ट्रीय नदी के रूप में घोषित करने की। इन्ही मांगो को लेकर हमारी वरुणा द्वारा वाराणसी जिला मुख्यालय पर धरना दिया।
हमारी वरुणा सह संजोजक सूर्य भान के नेतृत्व में आयोजित इस धरने को डॉक्टर व्योमेश चित्रवंश, अजय श्रीवास्तव ,ओम प्रकाश पाण्डेय , अरविन्द सिंह ने संबोधित किया.














No comments: