सेवापुरी। वरुणा की अविरलता और निर्मलता के लिए संघर्षरत साधु-संतों और ग्रामीणों ने शुक्रवार को भी आधा दर्जन गांवों में पदयात्रा कर ग्रामीणों को लामबंद करने का प्रयास किया। इसके बाद खरगूपुर स्थित प्राचीन शिवमंदिर परिसर में प्रतीकात्मक कुंभकर्णी प्रशासन को ढोल, नगाड़ा बजा कर जगाने का प्रयास किया। कुंभकर्ण का अभिनय मंदिर के महंत पं. दीनानाथ मिश्र ने किया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत साधु-संतों और ग्रामीणों ने हाथी, बैजलपुर, बसवरिया समेत कुल आधा दर्जन गांवों में पदयात्रा की। शाम पांच बजे खरगपुर शिवमंदिर के परिसर में वरुणा की निर्मलता के लिए शासन और प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं किए जाने पर रोष जताया। कहा कि लंबे समय से संघर्ष चल रहा है लेकिन प्रशासन की कुंभकर्णी निद्रा नहीं टूट रही है। वरुणा नदी की सफाई, नदी क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने और नदी के सुंदरीकरण के लिए समिति बना कर पैकेज देने की मांग सरकार से की। इस मौके पर वरुणा मुक्ति संघर्ष अभियानम के संयोजक राधेश्याम सिंह उर्फ लल्लू बाबा, दया बाबा, अध्यक्ष महेंद्र सिंह चंदेल, प्रेमनारायण, गुलाब सिंह, शिवशक्ति युवा जनसमूह के अध्यक्ष सुखदेव मिश्र शनि, चंद्रशेखर मिश्र आजाद, दीपक तिवारी, मुखई पाल, उदयशंकर सिंह, चंद्रिका, देवेंद्र मिश्र, ग्राम प्रधान मनबास पटेल, जटाशंकर सिंह, विकास मिश्र, भरत मिश्र, रविशंकर मिश्र आदि थे। 14 जुलाई को आदि शक्ति श्री देवी मंदिर कुंडरिया के परिसर में महिलाएं देवी गीत और पचरा गाकर देवी से वरुणा मुक्ति की कामना करेंगी। |
Sunday, 15 July 2012
वरुणा के लिए समिति बना कर पैकेज दे सरकार
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