वाराणसी, मंगलवार को उजाला होने के बाद जो भी पांडेयपुर-भोजूबीर मार्ग से गुजर रहा था उसकी निगाहें मानसिक अस्पताल से सटे उस तालाब पर टिक जा रही थी जिसे पाटने की कुछ लोगों ने कोशिश की थी। इस जगह को तालाब के मूल स्वरूप में लाने के लिए मजदूर मिट्टी निकालकर ट्रैक्टर ट्राली पर लाद रहे थे। देखने वालों के जुबां से बरबस निकल रहा था वाह! यह तो कमाल हो गया। इसे कहते हैं प्रशासन की हनक का असर। पांडेयपुर तालाब से दिनभर में ट्रैक्टर ट्रालियों ने मिट्टी लादकर अन्यत्र ले जाया जा रहा था। इस काम में लगे लोगों ने बताया कि मिट्टी पूरी तरह निकाली जा चुकी है। अब नीचे दबा कचरा निकाला जाएगा। नगर निगम के अधिशासी अभियंता केपी सिंह के मुताबिक तहसील व निगम के राजस्व कर्मियों के साथ तीस जनवरी को तालाब की पैमाइश की जाएगी। तालाब की जमीन पर बनी दुकान व गैराज ध्वस्त करने के लिए विकास प्राधिकरण से पत्राचार किया गया है। ध्वस्तीकरण के लिए मंडलायुक्त ने सोमवार को निर्देश दिया है। पैमाइश व अवैध निर्माण ध्वस्त करने के बाद तालाब की हदबंदी के लिए पिलर व कंटीला तार लगवाया जाएगा
Wednesday, 26 January 2011
वाह ! यह तो कमाल हो गया
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