वाराणसी, आखिर अमले की नींद खुल ही गई और जब खुली तभी मान लिया गया कि सबेरा हो गया। बात पांडेयपुर मानसिक अस्पताल से सटे प्राचीन धोबी तालाब से जुड़ी है। यहां महीने भर से फेंकी जा रही मिट्टी को निकाल फेंकने में नगर निगम का अमला मजबूती के साथ जुट गया। तालाब में मिट्टी फेंकने के लिए मंडलायुक्त अजय कुमार उपाध्याय ने नगर निगम को जिम्मेदार मानते हुए कड़ी फटकार लगाई। कहा निगम ने अपेक्षित सक्रियता नहीं दिखाई जिस वजह से तालाब को फिर पाटने की जुर्रत भूमाफियाओं ने की है। उल्लेखनीय है कि पांडेयपुर धोबी तालाब में बीते एक महीने से मिट्टी डाली जा रही थी। इस ओर प्रशासन की नजर नहीं पड़ सकी थी। तालाब को फिर पाटे जाने की नापाक कोशिशों की खबर दैनिक जागरण ने 24 जनवरी के अंक में पृष्ठ 4 पर अमला सो रहा, तालाब पट रहा शीर्षक से प्रकाशित किया। इस समाचार का असर पड़ा और सुबह मंडलायुक्त मौके पर धमके। साथ में नगर आयुक्त विजयकांत दुबे व उप नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीके सिंह, अधिशासी अभियंता केपी सिंह आदि भी थे। तालाब की दशा देख कमिश्नर का पारा चढ़ गया। उन्होंने क्षेत्रीय सफाई निरीक्षक व अन्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। बोले, निगम मिट्टी निकलवा कर तालाब का जल्द जीर्णोद्धार शुरू कराए। इसमें अवस्थापना निधि से आवश्यक धन मुहैया कराया जाएगा। अधिशासी अभियंता केपी सिंह ने बताया कि मिट्टी निकालने के साथ तालाब के चारों ओर पिलर व कंटीले तार लगेंगे व अतिक्रमण हटाए जाएंगे। उम्मीद जगी, बहुरेंगे दिन धोबी तालाब का अस्तित्व बचाने के लिए प्रशासन के दोबारा बढ़े कदम को लेकर स्थानीय वाशिंदों में नई उम्मीद जगी है। रामनरेश, बच्चेलाल आदि ने कहा कि अगर, तालाब की सफाईकर पानी भर दिया जाए तो यह उपलब्धि ही होगी। तालाब में मानसिक अस्पताल व आसपास की बस्तियों का अवजल गिर रहा है
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