Wednesday, 2 March 2011
हर बरस एक मीटर नीचे
वाराणसी, जल ही जीवन है। इसके बिना आम आदमी ही नहीं पशु-पक्षी की जिंदगी के साथ हरे-भरे पेड़-पौधे की कल्पना करना भी बेमानी है। ऐसे में खासकर शहरी इलाके में पानी का स्तर हर साल एक मीटर नीचे भाग रहा है। आलम यह है कि नगर क्षेत्र में हैंडपंप जवाब देने लगे हैं। वहीं कूपों का पानी भी सतह पकड़ने लगा है जबकि गर्मी अभी आने को बाकी है। नगर क्षेत्र में भूजल की मापी के लिए 46 जगहों पर लगाए गए यंत्रों के जरिए बरसात के पहले और बाद की स्थिति में तेजी से बदलाव आने के संकेत मिले हैं। पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह बात साफ हो जाती है कि शहरी इलाके में बरसात के पहले पानी के लेबल का अधिकतम औसत क्रमश: 17, 18 व 19 मीटर तक पहुंच चुका है। इस तरह से एक मीटर तक नीचे गिरता जल स्तर खतरे की घंटी है। भूगर्भ जल विभाग के आंकड़े खुद ही इस बात की पुष्टि करते हैं कि शहरी सीमा से सटे जगतपुर व भिटारी की स्थिति कुछ ज्यादा ही भयावह है। वर्ष 2010 की रिपोर्ट में जगतपुर में बरसात के पहले पानी की अधिकतम गहराई 27 मीटर जबकि भिटारी में 25 मीटर तक दर्ज की गई है। शहर में पानी का अधिकतम औसत 19 मीटर तक रिकार्ड किया गया है। वहीं बरसात के बाद पानी का औसत 16 मीटर तक पहुंच गया। उधर, डॉक्टर कालोनी (पाण्डेयपुर) में पानी का न्यूनतम औसत छह मीटर तथा सराय में 2.5 मीटर तक होना पाया गया है
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