Wednesday, 2 March 2011
तालाबों व कुंडों की बदहाली गंभीर मामला
वाराणसी, नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव आलोक रंजन ने यहां के तालाबों व कुंडों की बदहाली को गंभीर बताया है। विभागीय मंत्री के साथ सोमवार को मंडलीय समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने के बाद वह सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। यह बताने पर कि वाराणसी शहर में 65 तालाब व कुंड सरकारी अभिलेख में दर्ज हैं। इन जलाशयों की स्थिति बेहद खराब है। कहीं अवैध कब्जा तो बेइंतहा गंदगी है। इस बारे में न्यायालय के स्पष्ट निर्देश हैं लेकिन उनका पालन नहीं हो रहा है। इस पर प्रमुख सचिव ने कहा, ऐसा है तो बेहद गंभीर बात है। वह इसे खुद देखेंगे। गंगा में 18 नालों से गिर रहे कचरे के बारे में सवाल उठा तो रंजन ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है कि नालों के ऊपर जाली लगाई जाए ताकि गंदगी सीधे गंगा में न गिरे। यहां इसका पालन नहीं होने की आज जानकारी मिल रही है। इस बारे में नगर निगम प्रशासन से पूछताछ की जाएगी। फिर जो भी जिम्मेदार होगा उसे दंड मिलेगा। नगर निगम में तैनात कर्मचारियों से उनके मूल पद के विपरीत काम लेने संबंधी सवाल से किनारा काट लिया। प्रमुख सचिव ने बताया कि मलिन बस्तियों समेत शहर की सड़कों व गलियों की मुकम्मल सफाई मंडलीय समीक्षा का मुख्य एजेंडा है। समीक्षा का शुरू यह दौर थमेगा नहीं वरन आगे जारी रहेगा। मलिन बस्तियों का निरीक्षण : प्रमुख सचिव ने शाम को तीन मलिन बस्तियों का निरीक्षण भी किया। इसमें बड़ी मलदहिया, दयानगर व सेनपुरा मलिन बस्ती शामिल है। मलिन बस्तियों में सफाई व्यवस्था ठीक रखने में निगम का अमला जुटा रहा। सचिव ने इन बस्तियों में विकास कार्य पूरे करने, सफाई व पेयजल आपूर्ति की कमी दूर करने के निर्देश दिए। बड़ी मलदहिया बस्ती में छतिग्रस्त सुलभ शौचालय को तत्काल दुरुस्त कराया जाए। इस दौरान अपर नगर आयुक्त सच्चिदानंद सिंह व अधिशासी अभियंता उपेंद्रनाथ त्रिपाठी समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे
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