भोपाल. बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए अब 40 माइक्रॉन से कम गेज वाली पॉलीथीन पर प्रतिबंध लग सकता है। केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है जिस पर राज्य सरकारों से राय मांगी गई है। अभी तक 20 माइक्रॉन से कम गेज वाली पॉलीथीन प्रतिबंधित हैं। इसके बावजूद भोपाल में कम गेज की पॉलीथीन बनाने और बेचने का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। दो दिन पहले ही नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने फिलहाल 20 माइक्रॉन से कम गेज की पॉलीथीन का कारोबार करने वालों पर छापामार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
पॉलीथीन की मोटाई के तय मापदंडों से पतली पॉलीथीन को इकट्ठा करना काफी मुश्किल होता है। इससे पर्यावरण को तो नुकसान होता ही है, इधर- उधर घूमने वाले जानवर इन पन्नियों को खाकर बीमार होते हैं। देशव्यापी अध्ययन और सर्वेक्षणों में यह बात सामने आई है कि मोटे पॉलीथीन को एकत्रित करना और उसकी री-साइकिलिंग अपेक्षाकृत आसान है। इसके तहत केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय 40 माइक्रॉन से कम गेज वाली पॉलीथीन को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव बनाया है जबकि वर्तमान में बाजार में 20 माइक्रॉन से कम गेज वाली पॉलीथीन का कारोबार बहुतायत में हो रहा है।
पॉलीथीन की मोटाई के तय मापदंडों से पतली पॉलीथीन को इकट्ठा करना काफी मुश्किल होता है। इससे पर्यावरण को तो नुकसान होता ही है, इधर- उधर घूमने वाले जानवर इन पन्नियों को खाकर बीमार होते हैं। देशव्यापी अध्ययन और सर्वेक्षणों में यह बात सामने आई है कि मोटे पॉलीथीन को एकत्रित करना और उसकी री-साइकिलिंग अपेक्षाकृत आसान है। इसके तहत केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय 40 माइक्रॉन से कम गेज वाली पॉलीथीन को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव बनाया है जबकि वर्तमान में बाजार में 20 माइक्रॉन से कम गेज वाली पॉलीथीन का कारोबार बहुतायत में हो रहा है।
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