भू-माफियाओं के आगे प्रशासन नतमस्तक
वाराणसी : तालाबों को पाट अट्टालिका खड़ी कर अपनी जेब भरने वाले भू माफियाओं के आगे जिला प्रशासन कितना बेबस है इसका अंदाजा उसकी रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। शासन को भेजी जाने वाली प्रशासनिक रिपोर्ट में अधिकारियों ने स्पष्ट उल्लेख किया है कि तहसील सदर की सीमा में आने वाले 32 तालाब ऐसे हैं जहां से अवैध कब्जा हटाना अब संभव नहीं है। कहीं भूमिहीनों की आड़ में माफियाओं ने कब्जा जमा रखा है तो कहीं सरकार के नुमाइंदों ने स्वयं कब्जा कर उसपर इंदिरा आवास से लेकर स्कूल तक तनवा दिया है। इतना ही नहीं भदैनी (मड़ौली) के तालाब की 0.510 हेक्टेयर भूमि पर एक जनाब ने तो फैक्टरी बना ली है। मामला अपर आयुक्त प्रशासन के यहां विचाराधीन है। एसडीएम सदर की रिपोर्ट के मुताबिक शिवपुर, कैथी, नदेसर स्थित तालाब पर धार्मिक स्थल का निर्माण हो चुका है। मरूई स्थित तालाब की 0.534 हेक्टेयर भूमि पर जूनियर हाई स्कूल व प्राइमरी पाठशाला बन गयी है। बूढ़ापुर की 0.162, जमीन व बैरवन की 0.105 भूमि पर प्राथमिक पाठशाला बन चुका है। हरिहरपुर तालाब में अनुसूचित जाति के लोगों का कब्जा पहले से ही था। सरकारी अमले ने उन्हें हटाने के बजाय वहां इंदिरा आवास बनवा दिया। जाहिर है कि और लोगों को मौका मिल गया। किसी ने एक तो किसी ने तीन मंजिला मकान तान दिया। हाथी, अमरीपुर, नेवादा, जंसा, मेहदीगंज, छितौनी, माधोपुर, लेढ़ूपुर स्थित तालाबों पर मकान, इमारत, शौचालय बन चुके हैं। प्रतापट्टी, कादीपुर, दांदूपुर, परानापट्टी समेत अन्य तालाबों पर अब आबादी है। बन गयी मनमाफिक रिपोर्ट : जिला प्रशासन ने तालाबों की सूची और उसका विवरण कुछ इस तरह से तैयार किया है कि वर्तमान सरकार तो वहां से कब्जा हटाने का आदेश दे नहीं सकती। और सरकारें भी आ जाएं तो वो भी हाथ मलने के अलावा कुछ नहीं कर सकतीं। कब्जेदारों की सूची में कुछ ऐसे वर्ग के लोगों को आगे कर दिया गया है कि भू माफिया उनकी आड़ में आसानी से तालाब की बची भूमि पर कब्जा जमा सकें। भूल गए कुछ तालाब- रिपोर्ट में शहर के लंका, भगवानपुर, शिवपुर, शिवपुरवा, लहरतारा के कुछ ऐसे भी तालाब हंै जिन्हें पाटकर स्कूल, पुलिस चौकी से लेकर सरकारी इमारत बन गई है। यहां से भी कब्जा हटाना बहरहाल जिला प्रशासन के बस में नहीं है फिर भी उसका जिक्र रिपोर्ट में नहीं किया गया वरना सूची में संख्या और बढ़ती।
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