Friday 19 November, 2010

फ्लोराइडयुक्त पानी से जल्द आ रहा है बुढा़पा

उत्तर प्रदेश में नक्सलवाद से प्रभावित विन्ध्याचल मण्डल के मिर्जापुर और सोनभद्र जिले के लोग फ्लोराइड युक्त पानी पीने से उम्र के पहले ही बूढे़ हुए जा रहे हैं।

इसके अलावा दोनों जिलों के लोग अन्य बीमारियों के शिकार भी हो रहे हैं। ऐसा भूमिगत जल के प्रदूषित होने के चलते हुआ है। यहां पानी धीमे जहर के समान होता जा रहा है। जिसके चलते जहां एक ओर लोगों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं और उन्हें कई बीमारियों से जूझना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर असमय बुढा़पे ने भी उन्हें दबोच लिया है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराए गए जांच चौकाने वाले हैं। जो तथ्य सामने आए हैं वह स्थिति की गंभीरता की ओर इशारा करते हैं। नक्सल प्रभावित अर्ध पहाडी़ आदिवासी बहुल दोनों जिले पहले से ही मलेरिया की दृष्टि से अतिसंवेदनशील हैं। अब फ्लोराइड युक्त पानी एक नई समस्या बनकर उभरा है।

विशेषज्ञों ने समय रहते इसके निदान पर जोर दिया है। वर्ना स्थिति बदतर बनने में देर नहीं लगेगी। स्वास्थ्य विभाग ने मिर्जापुर और सोनभद्र जिले में 43 हजार 566 हैण्डपम्पों और कुओं के पानी के परीक्षण कराए गए हैं। रिपोर्ट में भविष्य की स्थिति और भयावह होने की आशंका व्यक्त की गई है। यह स्थिति मिर्जापुर और सोनभद्र दोनों जिलों में है। यहां भूजल में फ्लोराइड की मात्रा पांच से लगभग 30 फीसदी तक पहुंच गई है।

इन जिलों में प्रदूषण के कारण भूमिगत जल प्रदूषित हुआ है। स्वास्थ्य विभाग और जल निगम के मुताबिक भूजल में फ्लोराइड नामक रसायन की निर्धारित मात्रा दो फीसदी ही होनी चाहिए लेकिन यह काफी अधिक हो गई है। मिर्जापुर में जहां पानी में फ्लोराइड की मात्रा पांच से छह फीसदी पहुंच गई है, वहीं सोनभद्र में छह गुना अधिक यानी पानी में फ्लोराइड की मात्रा 30 फीसदी हो गई है।

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