Sunday, 12 December 2010

वरुणा का अस्तित्व बचाने को १७१ करोड़ का खाका तैयार


वाराणसी। नाले के रूप में तब्दील हो रही वरुणा नदी के कायाकल्प की विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है। सप्ताह भर में अंतिम रूप देकर इसे जल्दी ही प्रदेश सरकार के जरिये केंद्र को भेजा जाएगा।
इलाहाबाद जिले के फूलपुर के मलहान नामक स्थान से निकली वरुणा वाराणसी में आदि केशव घाट पर मिलती है। विभिन्न स्थानों पर औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले उत्प्रवाह के अलावा वाराणसी में घरों से निकलने वाला सीवेज भी करीब तीन दर्जन छोटे-बड़े नालों के जरिय वरुणा में गिरता है। वरुणा के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराते देख इसके कायाकल्प के लिए १७१ करोड़ रुपये की कार्ययोजना बनाई गई है। प्लानर इंडिया के श्यामलाल ने कार्ययोजना में शामिल प्रस्तावों का प्रोजेक्टर के जरिये आज मंडलायुक्त कैंप कार्यालय में विभागीय अधिकारियों के समक्ष प्रदर्शन किया। मंडलायुक्त अजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि शहरी क्षेत्र में दानियालपुर से आदि केशव घाट तक १८ किमी की दूरी में वरुणा का कायाकल्प किया जाएगा। इसके तहत नदी में दशकों से कई मीटर गहराई तक जमे सिल्ट को निकला जाएगा। साथ ही वरुणा में जल परिवहन की सुविधा विकसित की जाएगी। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जल परिवहन की व्यवस्था के बाबत १८ किमी की दूरी तक गहराई दो मीटर से अधिक रखी जाएगी। साथ ही नदी की चौड़ाई भी ४५ मीटर रखी जाएगी। बीच-बीच में छह स्थानों पर पर्यटकों के आने-जाने के लिए प्लेटफार्म बनाए जाएंगे। ये प्लेटफार्म संपर्क मार्गों से जुड़ेंगे। नदी के दोनों तरफ ग्रीन बेल्ट के साथ ही पाथवे भी बनाया जाएगा। राजघाट के पास चैनल गेट भी लगाया जाएगा। जल परिवहन की सुविधा विकसित होने से शहर में लगातार बढ़ रहे यातायात दबाव में कमी भी आएगी

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