Thursday 16 December, 2010

वरुणा के लिए 171 करोड़ का प्रोजेक्ट



वाराणसी : वरुणा का तट हरा-भरा और मनोरम होगा। यहां प्रात:कालीन बेला में टहलने का भी एक अलग आनंद होगा। इसके तट तक पहुंचना भी आसान हो जाएगा। धूल-धक्कड़ में सड़कों पर जाम में फंसने के बजाए स्टीमर से शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक आना-जाना हो सकेगा। इस नदी क्षेत्र के विकास के लिए 171 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है। अब 14 दिसम्बर को राज्य विकास परिषद के अध्यक्ष सतीश मिश्र के वाराणसी आगमन व इस संबंध में स्थानीय अफसरों से कार्ययोजना मांगे जाने से इसमें गति आ गयी है। जानकारी के मुताबिक वरुणा नदी के जीणरेद्धार के लिए प्लानर इंडिया ने प्रोजेक्ट बनाया है। इसमें लैंड स्केप, वरुणा की गहराई बढ़ाना, घाट, पौधरोपण, एप्रोच रोड आदि को शामिल किया गया है। कमिश्नर एके उपाध्याय की पहल पर नए सिरे से प्रोजेक्ट तैयार कर राज्य सलाहकार परिषद के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जा चुका है। परिषद के अध्यक्ष सतीश मिश्र की सहमति से उस प्रस्तावित प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सनद रहे कि वरुणा को बचाने के लिए जागरण ने कई बार ध्यान आकृष्ट कराया। इसका नतीजा रहा कि स्थानीय प्रशासन चेता और वाराणसी सीमा के भीतर करीब बीस किमी के लिए 170 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार कराया। इसे राज्य सलाहकार परिषद के एजेंडा में कई माह पूर्व ही रखा गया था। जब फ्लाईओवर और अन्य परियोजनाओं की घोषणा की गई थी उस समय भी इस प्रोजेक्ट को बंधी प्रखंड की तरफ से रखा गया था लेकिन उसे परिषद ने नामंजूर कर दिया था। उसके बाद नए सिरे से प्रोजेक्ट तैयार कर भेजा गया। वह इस समय विचाराधीन है। ताजा हालात -देखा जाए तो आज वरुणा नदी खतरे में है। उसे पाटने या नाले में तब्दील करने का प्रयास चल रहा है। इस खतरे को अच्छी तरह कोई भी व्यक्ति महसूस कर सकता हैं। कभी इसी तरह की एक नदी असी हुआ करती थी जो समाप्त हो गई। आज कोई असी का नाम ले तो उस पर लोग हंसेंगे ही। उसके पूरे जलग्रहण क्षेत्र में मकान बन गए। जबकि वाराणसी का नाम वरुणा और असी के योग से ही है। आज उसी तरह का खतरा वरुणा के साथ भी दिख रहा है। भदोही में गिर रहा कालीन के डाइंग प्लांटों का पानी -भदोही सीमा में वरुणा नदी की लम्बाई 30 किमी से अधिक है। यह जौनपुर के जंघई से आकर जनपद भ्रमण करते हुए चौरी के रास्ते कपसेठी से वाराणसी जिले में प्रविष्ट हो जाती है। ठंड व गर्मी में नदी सूखी रहती है। बारिश के दिनों में नदी में पानी दिखता है। अन्य दिनों में वरुणा में मोरवा नदी से होकर जाने वाला कालीन के डाइंग प्लांटों का ही पानी जगह-जगह दिखता है। वहीं वरुणा में वाराणसी जनपद की सीमा पर आकर मिलने वाली बसुही नदी में नहर का पानी प्रवाहित होने से वरुणा के वाराणसी सीमा क्षेत्र में पानी दिखता है शेष स्थानों पर स्थिति बेहद खराब है।

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