गर्म हो रहे बादल पृथ्वी को कर रहे हैं और गर्म
बादलों के गर्म होने के बाद पृथ्वी का तापमान और बढ़ने लगेगा। इस प्रक्रिया को क्लाउड फीडबैक कहा जाता है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो अगले सौ वर्षों में पृथ्वी का तापमान काफी बढ़ जाएगा, जिसका सामना करना आसान नहीं होगा। नासा के टेरा सेटेलाइट द्वारा लिए गए चित्रों में बादलों की बदलती प्रवृत्ति स्पष्ट नजर आ रही है।
डेसलर ने बताया कि यह एक दुष्चक्र है। गर्म तापमान का मतलब है कि बादल और अधिक गर्म हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन मानवीय गतिविधियों में आ रहे बदलाव ने पूरे पर्यावरण को ही बिगाड़ कर रख दिया है। इसके बावजूद मानव जाति भारी समस्या को समझना नहीं चाहती और सचेत होने के बजाय वह निर्भीक है। इस कारण लगातार मौसम में परिवर्तन हो रहा है और ग्लेसियर्स के बर्फ तेजी से पिघल रहे हैं, जिसके कारण समुद्र के जलस्तर में भी काफी वृद्घि हुई है
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