Sunday 12 December, 2010

घाटों का शहर है वाराणसी

घाटों का शहर है वाराणसी

वाराणसी में 100 से अधिक घाट हैं. शहर के कई घाट मराठा साम्राज्य के अधीनस्थ काल में बनवाये गए थे. अधिकतर घाट स्नान-घाट हैं, कुछ घाट अन्त्येष्टि घाट हैं. कई घाट किसी कथा आदि से जुड़े हुए हैं, जैसे मणिकर्णिका घाट, जबकि कुछ घाट निजी स्वामित्व के भी हैं. पूर्व काशी नरेश का शिवाला घाट और काली घाट निजी संपदा हैं. वाराणसी में अस्सी घाट से लेकर वरुणा घाट तक सभी घाटों की क्रमवार सूची इस प्रकार से है:

अस्सी घाट
गंगामहल घाट
रीवां घाट
तुलसी घाट
भदैनी घाट
जानकी घाट
माता आनंदमयी घाट
जैन घाट
पंचकोट घाट
प्रभु घाट
चेतसिंह घाट
अखाड़ा घाट
निरंजनी घाट
निर्वाणी घाट
शिवाला घाट
गुलरिया घाट
दण्डी घाट
हनुमान घाट
प्राचीन हनुमान घाट
मैसूर घाट
हरिश्चंद्र घाट
लाली घाट
विजयानरम् घाट
केदार घाट
चौकी घाट
क्षेमेश्वर घाट
मानसरोवर घाट
नारद घाट
राजा घाट
गंगा महल घाट
पाण्डेय घाट
दिगपतिया घाट
चौसट्टी घाट
राणा महल घाट
दरभंगा घाट
मुंशी घाट
अहिल्याबाई घाट
शीतला घाट
प्रयाग घाट
दशाश्वमेघ घाट
राजेन्द्र प्रसाद घाट
मानमंदिर घाट
त्रिपुरा भैरवी घाट
मीरघाट घाट
ललिता घाट
मणिकर्णिका घाट
सिंधिया घाट
संकठा घाट
गंगामहल घाट
भोंसले घाट
गणेश घाट
रामघाट घाट
जटार घाट
ग्वालियर घाट
बालाजी घाट
पंचगंगा घाट
दुर्गा घाट
ब्रह्मा घाट
बूंदी परकोटा घाट
शीतला घाट
लाल घाट
गाय घाट
बद्री नारायण घाट
त्रिलोचन घाट
नंदेश्वर घाट
तेलिया- नाला घाट
नया घाट
प्रह्मलाद घाट
रानी घाट
भैंसासुर घाट
राजघाट
आदिकेशव या वरुणा संगम घाट

No comments: