Friday, 24 December 2010

वरुणा बनी मला ढोने वाली नदी-

गंगा की कटान को रोक कर नगर के भूमिगत जलस्तर को संतुलित व शुद्ध रखने वाली वरुणा नदी भी अपने वजूद से जूझती ही नजर आ रही है। वरुणा पार क्षेत्र के तकरीबन 80 एमएलडी मलजल को ढो रही इस नदी में शहर के लगभग 100 एमएलडी और मलजल को गिराने की तैयारी की जा रही है। अब अतिक्रमण की होड़ से दिनोंदिन सिकुड़ते पाट और इसमें गिरनेवाले नालों की बढ़ती संख्या ने इसे मैला ढोनेवाली नदी बना दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि शहर के एक बड़े क्षेत्र के अवजल स्रोतों का ढलान वरुणा की तरफ होने से जहां नदी में अवजल की मात्रा बढ़ती जा रही है वहीं गंगा बेसिन का जलस्तर गिरने से वरुणा के मौलिक जल की मात्रा भी कम होती जा रही है। किसी नदी के नाला में तब्दील होने की वजह भी यही होती है। नदी से नाला बनी असि नदी का इतिहास सबके सामने है।

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