वाराणसी (एसएनबी)। गंगा तप पर बैठे स्वामी ज्ञानस्वरूप सानन्द (पर्यावरणविद् प्रो. जी.डी.अग्रवाल) का तप भंग कराने की पटकथा तो बीती रात ही तैयार कर ली गयी थी। इसे पूरा करने के उद्देश्य से प्रशासनिक अमला लाली घाट पहुंचा भी था। हालांकि उस वक्त उन्हें सफलता नहीं मिली। मगर रात की अधूरी योजना रविवार की सुबह (शेष पेज 15) ‘स्वामी ज्ञानस्वरूपसानन्द ने मुख से कुछ भी ग्रहण नहीं किया है। वे संकल्प पथ पर अब भी अडिग हैं। उन्हें अस्पताल लाने का कदम सरकारी है। इसके लिए स्वामीजी ने खुद से कोई पहल नहीं की है। दिल्ली से दूत आये और उनसे बातचीत भी हुई। जहां तक रहा गंगा को बचाने का संघर्ष तो वो जारी रहेगा।’ -स्वामी अविमुक्तेरानन्द सरस्वती महाराज, श्री विद्या मठ ‘ये उच्चस्तरीय विषय हैं। इस पर फैसला केन्द्र की सुप्रीम अथर्रिटी ही ले सकती है। इस बारे में केन्द्र को अवगत भी करा दिया गया है। इस पर चर्चा होने के बाद ही कोई निर्णय हो सकता है। जहां तक बात स्वामी ज्ञानस्वरूप सानन्द जी के स्वास्थ्य की है तो फिलहाल उनका स्वास्थ्य स्थिर है। उनके स्वास्थ्य के लिए सभी चिंतित हैं।’ -रविन्द्र, जिलाधिकारी प्रशासन ने स्वामी ज्ञानस्वरूप को जबरन उठाया, इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया हृदय का बांया हिस्सा बढ़ा अस्पताल में मुख्य चिकित्साधिकार डा. डी. वी. सिंह और डा. एस. जे. वर्मा ने स्वामीजी का स्वास्थ्य परीक्षण किया। डाक्टरों ने बताया कि स्वामीजी का स्वास्थ्य धीरे-धीर सामान्य हो रहा है। हालांकि उन्ह डिहाइड्रेशन है और ईसीजी की रिपरेट में उनके हृदय का बांया भाग बढ़ने की बात सामने आयी है। इसकी वजह स्वामी जी का वयोवृद्ध होना है। तप् स्थल पर गंगा (शेष पेज 15) कब क्या हुआ प्रात: 6:30 बजे- प्रशासनिक अमला लाली घाट प्रात: 7:15 बजे- स्वामीजी को लेकर प्रशासनिक अमला अस्पताल रवाना प्रात: 7:30 बजे- अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में स्वामी जी भर्ती शाम तीन बजे-डीएम अस्पताल पहुंचे 3:45 बजे-नेशनल क्लीन गंगा मिशन 20:20 के मिशन निदेशक राजीव शर्मा अस्पताल पहुंचे शाम 4:15 बजे- राजीव शर्मा और स्वामीजी के पहले चरण की वार्ता समाप्त सायं 6:15 बजे-दूसरे चरण की वार्ता |
Monday, 12 March 2012
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