Monday, 12 March 2012

..और जुड़ती कडि़यां बनने लगीं जंजीर


वाराणसी : स्वामी सानंद की तपस्या के समर्थन में क्रमश: एक-एक कर जुड़ती कडि़यां अभियान के दूसरे ही दिन एक मजबूत कड़ी का रूप लेती नजर आयीं। तपस्या को आंदोलन का रूप देने से परहेज कर रहे संतो के बयानों के बावजूद तपस्या के समर्थन में रविवार को जिस तरह विविध आयोजनों के रूप में प्रतिक्रियाएं सामने आई उनके स्वत:स्फूर्त नागरिक आंदोलन का आकार लेने की संभावनाएं नकारी नहीं जा सकतीं। दंडी स्वामियों ने भी की तपस्या शिव काशी मंच के नेतृत्व में मुमुक्षु भवन के दंडी स्वामियों ने अन्न-जल त्याग कर पूरे दिन तपस्या की। साथ ही धर्म सभा का भी आयोजन किया। धर्म सभा को दंडी स्वामी ईश्वरानंद तीर्थ ने संबोधित किया। कहा गया कि गंगा की निर्मलता-अविरलता हमारा प्रथम लक्ष्य है। इसके लिए प्राण की आहुति देने की जरूरत पड़ी तो पीछे नहीं हटेंगे। इस मौके पर स्वामी रामस्वरूपानंदजी तीर्थ, स्वामी जनकेश्वरानंद तीर्थ, स्वामी देवाश्रम, संजय पाण्डेय, ललित बहादुर सिंह, डॉ. गिरीश तिवारी, पं. नवीन गिरि, पं. आत्माराम दूबे, अरविंद गिरि, अमर पाण्डेय आदि ने विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता पं. सुरेश त्रिपाठी ने की। गंगा के लिए संघर्ष का निर्णय गंगा मुक्ति एवं प्रदूषण विरोधी अभियान की बैठक में गंगा मुक्ति के लिए संघर्ष का निर्णय किया गया। साथ ही नगर वासियों से आगे आने का आ ान किया गया। बैठक में कविंद्र तिवारी, त्रिलोचन शर्मा, नंदकुमार, राजेश गौड़, वीरेंद्र कुमार गुप्त, शैलेष कुमार मिश्र, प्रेमशंकर मिश्र, विकासचंद्र आदि ने विचार व्यक्त किये। निकाला मशाल जुलूस-नगर के विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोगों ने स्वामी सानंद की तपस्या के समर्थन में लहुराबीर से कबीरचौरा अस्पताल तक मशाल जुलूस निकाला। जुलूस में वागीशदत्त मिश्र, रमेश चोपड़ा, अल्पनाराय चौधरी, राजेंद्र उपाध्याय, मोहनलाल सरावगी, प्रथमेश पाण्डेय, बृजकिशोर, छेदीलाल वर्मा, डॉ. उपेंद्रविनायक सहस्त्रबुद्धे, रागिनी पाण्डेय आदि ने हिस्सा लिया। पंचकीर्तन जुलूस आज-अखिल भारतीय आध्यात्मिक मंडल की ओर से सोमवार का शाम बेनियाबाग से कबीरचौरा अस्पताल तक पंचकीर्तन जुलूस निकाला जाएगा।

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