Monday, 12 March 2012

स्वामी सानंद अस्पताल में भी तपस्या पर अडिग


वाराणसी, संवाददाता : गंगा की अविरलता-निर्मलता की मांग को लेकर स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद रविवार को तीसरे दिन अस्पताल पहुंचने पर भी अपनी निर्जल तपस्या पर अडिग रहे। उन्हे ड्रिप चढ़ायी जा रही है मगर मुंह से कुछ भी लेने का निवेदन उन्होने दृढ़ता से ठुकरा दिया। सुबह स्थिति बिगड़ने की सूचना पर प्रशासन ने उन्हें तपस्या स्थल से उठा कर कबीरचौरा स्थित राजकीय मंडलीय अस्पताल में भर्ती करा दिया है, जहां उन्हें ड्रिप पर रखा गया है। उधर स्वामी सानंद को तपस्या स्थल से हटाये जाते ही स्वामी गंगा प्रेमी भिक्षु ने तपस्या स्थल की कमान संभाल ली है। स्वामी गंगा प्रेमी भिक्षु ने कहा कि फिलहाल वह जल त्याग तपस्या पर नहीं है लेकिन आंदोलन को धार देने के लिए जैसे ही इसकी जरूरत पड़ेगी वे तक्षण ही जल तज देंगे। दूसरी तरफ स्वामी सानंद की दशा बिगड़ने की सूचना पर नेशनल क्लीन गंगा मिशन, भारत सरकार के डायरेक्टर राजीव शर्मा जिलाधिकारी रवींद्र के साथ अपराह्न चार बजे अस्पताल पहुंचे और स्वामी जी का हाल जाना। साथ ही उनकी मांगों से भी अवगत हुए। हालांकि डायरेक्टर श्री शर्मा और स्वामी जी के बीच अपराह्न चार बजे से सायंकाल सात बजे तक तकरीबन तीन चक्र वार्ता हुई लेकिन कोई सार्थक हल सामने नहीं आया। वैसे श्री शर्मा सोमवार को भी नगर में रहेंगे और स्वामी जी से वार्ता कर समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। प्रशासन बल पूर्वक पानी चढ़ा रहा स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि गंगा की प्राण रक्षा के लिए प्राण त्यागने का संकल्प अडिग है और यह मांग पूरी होने तक जारी रहेगा। स्पष्ट किया कि ड्रिप चढ़ाने से तपस्या भंग नहीं होती। तपस्या इच्छा शक्ति और निष्ठा से जुड़ी होती है। स्वामी सानंद ने अब तक अपने मुंह से कोई अन्न-जल नहीं लिया। शास्त्रों में कहा गया है कि बल पूर्वक किया गया कार्य न के बराबर होता है। यहां भी प्रशासन बल पूर्वक पानी चढ़ा रहा है। बताया कि शनिवार को ही जिलाधिकारी ने कह दिया था कि स्थिति बिगड़ने पर स्वामीजी को अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हमारे सामने एक तरफ गंगा का प्राण है तो दूसरी तरफ भाई का। हमें दोनों को बचाना है लेकिन मां के जीवन रक्षा की अनदेखी नहीं की जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि तपस्या का मकसद देश में अशांति पैदा करना कदापि नहीं है। लिहाजा इसे आंदोलन का रूप नहीं दिया जा रहा है। संत समाज मां गंगा की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति को संकल्प बद्ध है। मंत्रालय को अवगत करा दिया नेशनल क्लीन गंगा मिशन के डायरेक्टर राजीव शर्मा ने कहा कि यहां के हालातों की जानकारी पर्यावरण मंत्रालय को दे दी गई है। जल्द ही कोई न कोई समाधान सामने होगा। वह अस्पताल में तपस्यारत स्वामी सानंद से तीन चक्र की वार्ता करने के बाद प्रेस से मुखातिब थे। बताया कि स्वामी जी से बात हुई है। उनकी मांगों को विस्तार से सुना और समझा। हम यहां एक मध्यस्थ की भूमिका में है लिहाजा कोई घोषणा अथवा निर्णय सुनाने की स्थिति में नहीं हैं। इस मसले को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की बैठक में रखना होगा। इस प्राधिकरण से पांच राज्यों के मुख्यमंत्री व वैज्ञानिक, विशेषज्ञ जुड़े हैं। हां, काशी के संतों की बातों को पूरी गंभीरता से ऊपर पहुंचाने की कोशिश मैं जरूर करूंगा। वैसे अभी कल भी नगर में ही रहूंगा और स्वामीजी से एक चक्र और मिलूंगा। उम्मीद है कोई न कोई हल निकल आएगा।

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